श्री महेश दत्त चतुर्वेदी व्यासजी (प्रेरणास्रोत)
इस घोर कलिकाल में संसार में हर कोई अपनी जीविका पालन हेतु दिन-रात माया के चक्कर में उलझा हुआ है और उसे धनोपार्जन, पारिवारिक दायित्व, सम्पत्ति संग्रह के कार्यों से अवकाश ही नहीं मिलता है तब भला प्राणी सन्तों एवं धर्म ग्रन्थों के अनुसार अपने मनुष्य जन्म लेने के वास्तविक लक्ष्य ईश्वर भजन और प्रभु मिलन को कैसे प्राप्त कर सकता है। इस काल में जप तप पूजा पाठ जैसे साधनों का नियम संयम व शुद्धता से पूर्ण होना भी बहुत कठिन है, ऐसी दयनीय स्थिति में हम जैसे अति सामान्य जीवों का उद्धार कैसे होगा? यही प्रश्न लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में "माथुर चतुर्वेदी दत्त परिवार" (जो कि रामलीला मंचन और ब्रज लोक संगीत के लिए भारत वर्ष में प्रख्यात है ) में जन्मे चार्टर्ड अकाउंटेंट, समाजसेवी "श्री ब्रिजेश दत्त चतुर्वेदी" के मस्तिष्क में बहुत समय से कौंध रहा था और विचलित कर रहा था। श्री ब्रिजेश दत्त ने बाल्यकाल में शिक्षा के साथ-साथ विरासत में मिली अपनी अभिनय कला को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का प्रसंशनीय अभिनय करके मुंबई, कानपुर के रामलीला मंचों पर दिखाया। मथुरा में स्नातक की शिक्षा पूर्ण कर आप मुंबई आये और चार्टर्ड अकाउंटेंट बने। कई वर्षों तक विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में आपने उच्च पदों पर कार्य किया और वर्तमान में मुंबई में अपनी फर्म "ब्रिजेश दत्त एंड एसोसिएट्स" चला रहे हैं। आप सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवायें प्रदान करने वाली समाजसेवी संस्था "Wake Up Foundation Charitable Trust" के "Founder and Managing Trustee" भी हैं। विगत अनेक वर्षों से अपने सहयोगी मित्रों के साथ मिलकर तन, मन, धन से समाजसेवा कर रहे हैं। अधिक पढ़ें
इस घोर कलिकाल में संसार में हर कोई अपनी जीविका पालन हेतु दिन-रात माया के चक्कर में उलझा हुआ है और उसे धनोपार्जन, पारिवारिक दायित्व, सम्पत्ति संग्रह के कार्यों से अवकाश ही नहीं मिलता है तब भला प्राणी सन्तों एवं धर्म ग्रन्थों के अनुसार अपने मनुष्य जन्म लेने के वास्तविक लक्ष्य ईश्वर भजन और प्रभु मिलन को कैसे प्राप्त कर सकता है। इस काल में जप तप पूजा पाठ जैसे साधनों का नियम संयम व शुद्धता से पूर्ण होना भी बहुत कठिन है, ऐसी दयनीय स्थिति में हम जैसे अति सामान्य जीवों का उद्धार कैसे होगा?
यही प्रश्न लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में "माथुर चतुर्वेदी दत्त परिवार" (जो कि रामलीला मंचन और ब्रज लोक संगीत के लिए भारत वर्ष में प्रख्यात है ) में जन्मे चार्टर्ड अकाउंटेंट, समाजसेवी "श्री ब्रिजेश दत्त चतुर्वेदी" के मस्तिष्क में बहुत समय से कौंध रहा था और विचलित कर रहा था। श्री ब्रिजेश दत्त ने बाल्यकाल में शिक्षा के साथ-साथ विरासत में मिली अपनी अभिनय कला को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का प्रसंशनीय अभिनय करके मुंबई, कानपुर के रामलीला मंचों पर दिखाया। मथुरा में स्नातक की शिक्षा पूर्ण कर आप मुंबई आये और चार्टर्ड अकाउंटेंट बने। कई वर्षों तक विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में आपने उच्च पदों पर कार्य किया और वर्तमान में मुंबई में अपनी फर्म "ब्रिजेश दत्त एंड एसोसिएट्स" चला रहे हैं। आप सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवायें प्रदान करने वाली समाजसेवी संस्था "Wake Up Foundation Charitable Trust" के "Founder and Managing Trustee" भी हैं। विगत अनेक वर्षों से अपने सहयोगी मित्रों के साथ मिलकर तन, मन, धन से समाजसेवा कर रहे हैं।
धर्म ग्रन्थों के अध्ययन एवं पूज्य सन्तों के सानिध्य, सत्संग के द्वारा आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिला कि इस कलिकाल में "भगवान के नाम जप" जैसा सरल साधन और कोई भी नहीं है जिसे हर काल में हर स्थिति में प्राणी सहजता से कर सकता है। मन में प्रसन्नता हुई कि अपने उद्धार का सरल माध्यम मिल गया किंतु अब दूसरा प्रश्न मन में आया कि इस लोक कल्याणकारी उपाय से दूसरों का भला कैसे हो? सिर्फ अपना भला करना तो स्वार्थ मात्र ही है ऐसी परहित की भावना जागृत हो गयी।
भगवद प्रेरणा मानकर आपने अपना ये शुभ विचार तुरन्त ही अपने प्रिय अनुज "श्री मंगलेश दत्त चतुर्वेदी" को बताया और उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की, बस यहीं से परमार्थ के निहार्थ योजना बनी कि वर्ष २०१८ की इसी "चैत्र नवरात्रि" में नौ दिवसों तक अधिक से अधिक जनता को जोड़कर "श्री राम नाम जप यज्ञ" का आयोजन किया जाय, जिसमें सब अपना "जप संकल्प" लेकर नौ दिनों तक श्री "राम" नाम का जाप करें। दोनों के नाम से निवेदित एक संदेश नाम जप के लिए बनाकर अपने सभी सम्पर्कों में भेजा गया और श्री सीताराम जी की कृपा से सन्देश फैल गया और देखते ही देखते अनेक लोगों के सहयोग से देश-विदेश के अनेक नर, नारी, बालक, वृद्ध यज्ञ में अपना नाम और जप संकल्प लिखाते गए। अपने-अपने घरों में जाप करके अपना संकल्प पूर्ण किया। सभी मित्र-बन्धुओं के सहयोग से श्री राम नवमी पर अखण्ड रामायण का पाठ, भजन संध्या और भण्डारे के साथ मुम्बई में यज्ञ सम्पन्न हुआ।
लोक कल्याण के इस कार्य के लिए अनेक प्रसिद्ध सन्तों का आशीर्वाद मिला है जैसे:- अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज, मथुरा के जगद्गुरु आद्य वैष्णवाचार्य विष्णुस्वामी मतानुयायि वर्तमान श्री गोपाल वैष्णव पीठाधीश्वर श्री १०८ श्री पुरुषोत्तम लाल जी महाराज, वृंदावन के श्री मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्रदास जी महाराज, आदि।
तब से अब तक ये यज्ञ प्रतिवर्ष हो रहा है एवं ईश्वर कृपा से अब तक "ढाई करोड़ से ज्यादा" "नाम जप" पूर्ण हो चुके हैं। अकल्पनीय, विनाशकारी "कोरोना काल" में तो सब अपने घरों में ही बंद थे तब "नाम जप" सबका सहारा बना और लोगों को शांति की प्राप्ति हुई। प्रतिवर्ष और अधिक जन इस अभियान से जुड़ रहे हैं और अपने लोक-परलोक को सुधार रहे हैं।
"गोस्वामी श्री तुलसीदास जी" ने "श्री रामचरित मानस" में चौपाई लिखी है,
भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ, नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥
भाव से, कुभाव से, क्रोध से या आलस्य से, किसी भी तरह से नाम जपने से दसों दिशाओं में मंगल-ही-मंगल होता है।
राम नाम नरकेसरी, कनककसिपु कलिकाल।
जापक जन प्रहलाद जिमि, पालिहि दलि सुरसाल।।
राम नाम नृसिंह भगवान हैं। कलियुग महाराज हिरण्यकशिपु है और ‘जापक जन’‒भजन करने वाले प्रह्लाद के समान हैं। जैसे भगवान् नृसिंह ने प्रह्लाद की हिरण्यकशिपु को मारकर रक्षा की थी, ऐसे भक्तों की रक्षा कलियुग में नाम महाराज करते हैं।
अब विचार उत्पन्न हुआ कि "नाम जप" ज्यादा से ज्यादा और सरलता से कैसे हो? आम व्यक्ति अपने हाथ में सदैव माला लेकर तो नहीं रह सकता है, किंतु ये डिजिटल युग है और मोबाइल अधिकतर लोगों के हाथों में अधिक समय रहता है तो क्यूँ न मोबाइल को माला के अभाव में समयानुसार नाम जप के लिए उपयोगी बनाया जाय बस तभी "वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन" के विचार ने जन्म लिया, शीघ्र ही इस योजना पर कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया और अब ये आपके सामने प्रस्तुत है, मोबाइल एप्लीकेशन से आप "जाप संकल्प" लेकर अपने समयानुसार "नाम जप" कर सकते हैं। इसमें समय के साथ-साथ और सुधार होते रहेंगे।
आप सभी से करबद्ध अनुरोध है कि इस लोक कल्याणकारी अभियान से स्वंय जुड़ें एवं अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी देकर जुड़वायें। इस पुनीत कार्य में जितने भी भाइयों ने तन-मन-धन से सहयोग किया है उन सभी को साधुवाद।
आप अपने विचार, शुभकामनायें, सहयोग के लिए हमें निम्न सम्पर्कों पर सम्पर्क कर सकते हैं।
मोबाइल नम्बर: +918169925734
ईमेल: info@naamjap.in
जय सियाराम।